Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में कंक्रीट और पेवर के जंगल में पेड़ों का घुट रहा दम

Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में कंक्रीट और पेवर के जंगल में पेड़ों का घुट रहा दम



 घुट रहा दम







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Updated: | Sat, 23 Nov 2019 06:55 pm (IST)


Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ में कंक्रीट और पेवर के जंगल में पेड़ों का घुट रहा दम
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ सरकार ने पेड़ों पर लगे साइन बोर्ड, बिजली व अन्य तार के साथ होर्डिंग्स भी हटाने के निर्देश दिए हैं।



 


 


रायपुर। Chhattisgarh News छत्तीसगढ़ सरकार के आदेश का यदि ईमानदारी से पालन हुआ तो जल्द ही कंक्रीट और पेवर के बीच फंसे तमाम पेड़ों को सांस लेने के लिए खुली जमीन मिल जाएगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने राज्य के सभी निकाय प्रमुखों को पत्र जारी कर पेड़ों की जोड़ों को कंक्रीट और पेवर से मुक्त करने का सख्त निर्देश दिया है। इतना ही नहीं पेड़ों पर लगे साइन बोर्ड, बिजली व अन्य तार के साथ ही होर्डिंग्स भी हटाने के निर्देश दिए गए हैं। ऐसा न करने पर मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी भी दी गई है। नगरीय प्रशासन विभाग से निगम आयुक्तों और मुख्य नगर पालिका अकिारियों को इस संबं में आदेश जारी किया गया है। एनजीटी के एक आदेश का हवाला देते हुए पेड़ों में लगे सभी साइनबोर्ड, विज्ञापन समेत सभी तरह के बोर्ड, बिजली के तार समेत अन्य हटाने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि पेड़ों के चारों तरफ की गई कंक्रीट को एक मीटर वृत्त में हटाया जाए और भविष्य में एहतियात बरती जाए कि कंक्रीट, निर्माण या सुार कार्य पेड़ों के एक मीटर वृत्त में नहीं किया जाए।


 


इस वजह से जारी हुआ आदेश


रायपुर शहर की ज्यादातर सड़कों और लगभग सभी उद्यानों पेड़ों की जड़ों को कंक्रीट या पेवर ब्लाक से ढक दिया गया है। इसी वजह से कई पेड़ सूख गए। हाल ही में कलेक्टोरेट के पीछे बनी कंक्रीट की सड़क के बीच में पड़े कई बड़े पेड़ सूख गए। इसे देखते हुए सामाजिक कार्यकर्ता नितिन सिंघवी ने सरकार को पत्र भेजा था। सिंघवी ने अपने पत्र के साथ एनजीटी के 2013 में दिए एक आदेश का उल्लेख किया है। एनजीटी ने केंद्र सरकार को पेड़ों की सुरक्षा के लिए यह निर्देश जारी किया था।


 


कंक्रीट और पेवर के कारण जड़ों को नहीं मिलता पानी


पेड़ों के चारों तरफ पत्थर इत्यादि लगाने से आवश्यक पानी प्राकृतिक रूप से मिलना बंद हो जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता सिंघवी ने बताया कि हालांकि पेवर के पक्ष में कहा जाता है कि वह पानी जमीन के अंदर जाने में बाक नहीं होता परंतु व्यवहारिक रूप से पेड़ों तक पानी पहुंचने में वह पूरी तरह बाक होता है। उद्यानों इत्यादि में पेड़ों को आकर्षक बनाने के लिए रसायनिक पेंट लगाया जाता है जिससे उनकी असामयिक मौत हो जाती है।